प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का पूजन किया जाता है। शुक्ल-पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से सभी विघ्न बाधायें दूर होती है। https://ganeshlaxhmi.in/fagun_chauth_vrat_vidhi.html